अगर हम थोड़ा रुक कर अपने मष्तिष्क के कार्य करने की विधि और उसमे चलने वाले विचारों पर गौर करेंगे, तो पाएंगे कि हमारा मष्तिष्क पूरी तरह से शांत हो जाता है उसमे चलने वाले विचारों की श्रंखला भंग हो जाती है और वह विचार मुक्त हो जाता है
यह प्रक्रिया लगातार बनाय रखना ही ध्यान है